Charlie And The Chocolate Factory Book Review में आपका स्वागत हैं, रोआल्ड डाल द्वारा लिखा हुआ यह किताब बहुत ही खूबसूरत और रहस्य से भरपूर हैं। इसे 1964 में लिखा गया था । चार्ली बकेट इस कहानी का मुख्य पात्र है। उसे चॉकलेट फैक्ट्री मे सैर करने का मौका मिलता और अंत मे वह उस फैक्ट्री का उत्तराधिकारी चुना जाता हैं। यह सिर्फ एक काल्पनिक और मनोरंजक कहानी नहीं बल्कि इसमे जीवन के मूल्यों जैसे सादगी, ईमानदारी, धैर्य और प्रेम को बहुत ही अच्छे से चित्रण किया गया हैं।
- पुस्तक – चार्ली एण्ड द चॉकलेट फैक्ट्री
- लेखक- रोआल्ड डाल
- शैली- बाल साहित्य, काल्पनिक
- प्रकाशक- मंजुल पब्लिशिंग हाउस

Charlie And The Chocolate Factory Book Summary
चार्ली बकेट एक छोटा सा बच्चा हैं, जो अपने दादा-दादी के साथ एक छोटे से घर में रहता हैं। वे बहुत गरीबी में जीवन बिताते है। उनके अच्छे से बिस्तर भी नहीं होते है। चार्ली रोज शाम को अपने दादा से कहानी सुनता हैं। चार्ली का दादा उसे वोन्का के महान आविष्कार जिसमे 200 प्रकार के कैन्डी और न पिघलने वाले चॉकलेट के बारे में कहानी सुनाता है।
चार्ली को चॉकलेट बहुत पसंद हैं। और वह वोन्का के फैक्ट्री मे भी जाना चाहता। मिस्टर बकेट अखबार घर लाता है जिसमे लिखा रहता है विली वोन्का पाँच प्रतिभाशाली लोगों को गोल्डन टिकट देगा । और गोल्डन टिकट जीतने वाले प्रतिभागियों को फैक्ट्रीवोन्का मे घूमने और जीवन भर मुफ़्त में चॉकलेट मिलेगा।
आगस्टस ग्लूप और साल्ट को पहले गोल्डन टिकट मिलता हैं। चार्ली अपने जन्मदिन का बेसब्री से इंतेजार करता है क्योंकि उसे एक चॉकलेट मिलता है। कड़ाके की ठंड पड़ रही होती है और उसी समय में उसके दादाजी की नौकरी चली जाती हैं। चार्ली के परिवार की और भी बदतर हो जाती हैं।
चार्ली दुकान मे एक चॉकलेट खरीदता है जिसमे से गोल्डन टिकट निकलता और वह खुशी से उछलते हुए घर जाता है, जहा उसके दादा यह देखा खुशी से उछल पड़ते हैं। विली वोन्का चार्ली सहित पांचों बच्चों और उनके परिवार का स्वागत फैक्ट्री के प्रवेशद्वार पर करते हैं।
ऑगस्टस, वायलेट, वेरूका और माइक जो चार्ली के साथ फैक्ट्री मे घूमने के लिए चुने गए है वे अपनी बुरी आदतों की वजह से बाहर हो जाते हैं। ऑगस्टस बहुत लालची हैं और वायलेट दिनभर च्विंग गम खाते रहता हैं। वेरूका स्वभाव से बहुत जिद्दी है और माइक टीवी का दीवाना हैं।
Charlie And The Chocolate Factory Book Review में हमने बताया की अपनी सादगी और अच्छे स्वभाव के कारण चार्ली अंत में विजयी घोषित होता है जिससे उसके दादा-दादी बहुत खुश होते हैं। विली वोन्का अपनी फैक्ट्री की जिम्मेदारी चार्ली को देना चाहते हैं। क्योंकि उसे ईमानदार और सच्चा आदमी उत्तराधिकारी के रूप मे चाहिए। चार्ली और उसका परिवार अब अच्छी जीवन जीने की ओर अग्रसर होता हैं।

भाषा और शैली
Charlie And The Chocolate Factory की भाषा और शैली बहुत सरल और सहज हैं। रोआल्ड डाल की यह काल्पनिक कहानी बहुत ही रोचक और मजेदार हैं। फैक्ट्री के अंदर जिस प्रकार कहानी को रहस्यमयी और रोमांचक बनाया गया है, वह अद्भुत है। पाठक पढ़ते समय खुद को उस कहानी से अपने आप जोड़े बिना रह पाते और खुद को उस कहानी के पात्र मानने लगते है। ओमपा-लुमपा जैसे छोटे मजाकिया किरदार कहानी को और भी मजेदार बना देता हैं।
निष्कर्ष
रोआल्ड डाल की Charlie And The Chocolate Factory की कहानी बहुत ही मनोरंजक और मजेदार हैं। एक बच्चा चार्ली के माध्यम से लेखक ने जिसप्रकार सादगी, ईमानदारी और धैर्य का चित्रण किया हैं, इस कहानी को उचाईं प्रदान करती हैं। यदि आप मनोरंजन के साथ ऐसे पुस्तक की तलाश मे है जो जीवन मूल्यों के गुणों को भी सम्मिलित करें तो Charlie And The Chocolate Factory अवश्य पढ़ें।
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