October Junction (अक्टूबर जंक्शन) दिव्यप्रकाश दुबे द्वारा 1 जनवरी 2019 को लिखी उपन्यास है।अक्टूबर जंक्शन चित्रा और सुदीप की कहानी है। जो बनारस के अस्सी घाट मे 10 अक्टूबर को मिलते है। और यह सिलसिला अगले 10 साल तक चलता रहता है। अक्टूबर जंक्शन चित्रा और सुदीप की अनोखी प्रेम कहानी है, जहां आपको प्यार, दोस्ती और संपने की कहानी मिलेगी। इनकी प्रेम कहानी मे बनारस के कई रंग भी देखने को मिलेंगे जहां आप खो सा जाएंगे।
- प्रकाशन- 1 जनवरी 2019
- लेखक-दिव्य प्रकाश दुबे
- शैली- समकालीन हिन्दी उपन्यास
- विषय- प्यार, दोस्ती (Love Story)
- पेज- 150
- प्रकाशक- हिन्द युग्म
सारांश
कहानी की शुरुआत बनारस की अस्सी घाट से होती है। पहली बार चित्रा और सुदीप यही पर 10 अक्टूबर को मिलते है। दोनों अगले 10 साल तक 10 अक्टूबर को एक-दूसरे से मिलने का वादा करते है। उनको पता ही चलता की अस्सी घाट से शुरू हुई यह कहानी उनकी प्रेम कहानी मे बदल जाएगी।
चित्रा एक प्रगतिशील लेखिका है, वही सुदीप एक सफल व्यवसायी है। सुदीप अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाता है। लेकिन मेहनत और लग्न से वह एक बड़ी मुकाम पर पहुच जाता है। चित्रा की भी इच्छा है, वह भी एक सफल लेखिका बने। अस्सी घाट मे दोनों मिलते क्या है उनकी जीवन मे एक नई चैप्टर जुड़ जाता है।
दोनों पहली बार जब अस्सी घाट पर मिलते है, उस समय काफी उलझे हुए और उनका जीवन काफी उथल-पुथल भरा रहता है। दोनों मिलकर निर्णय लेते है अगले 10 साल तक हर 10 अक्टूबर को इसी जगह पर मिलेंगे। इस 10 साल के सफर मे दोनों कई उतार-चढ़ाव, संघर्ष और सपने देखते है।
अक्टूबर जंक्शन चित्रा और सुदीप की प्रेम कहानी नहीं बल्कि उससे भी बढ़कर है। इस कहानी मे प्रेम के अलावा एक दूसरे के प्रति आत्मीयता और सहयोग की भावना देखने को मिलती है। दोनों एक-दूसरे के संघर्ष और संपनों को पूरा करने के लिए सहारा बनते है।
लेखन शैली –
दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन की लेखन शैली बहुत सरल, सहज और लयात्मक है। बनारस के अद्भुत और अनोखी संस्कृति के साथ गंगा के घाटों का सजीव कलात्मक चित्रण किया गया है। बनारस के गलियों का बड़ी बखूबी के साथ शानदार चित्रण किया है। जिसे पाठक पढ़ते हुए बनारस के उन गलियों और घाटों मे खों जाते है।कठिन शब्दों के चयन से बचा गया है, जो इसे और भी सरल बनाती है। इस उपन्यास में दर्शन और जीवन के गूढ़ रहस्यों को पिरोया गया है, जो पाठक को बरबस ही सोचने के लिए मजबूर कर देती है।
प्रमुख विषयवस्तु-
अक्टूबर जंक्शन प्रेम, दोस्ती और अपने सपने पूरा करने की कहानी है। यह उपन्यास सवाल करती है, की जो जीवन हम जिया रहे है, वह क्या हम जैसा जीना चाहते है, वैसे जी रहे है, या फिर परीस्थिति के अनुसार समझौता करके जी रहे है। यह कहानी बताती है जीवन में संतुलन और संपनों को पूरा करने के लिए ईमानदारी की जरूरत होती है।
सकारात्मक पक्ष-
- अक्टूबर जंक्शन आगे बढ़ने और अपने सपने पूरा करने की कहानी है।
- यह हमे जीवन मे उलब्धियों को पाने के लिए प्रेरित करती है।
- संघर्षों को पीछे छोड़कर उनके ऊपर विचार करने के लिए प्रेरित करती हैं।
निष्कर्ष-
अक्टूबर जंक्शन कहानी हैं प्यार की, कहानी है दोस्ती की, कहानी है परस्पर सहयोग की और कहानी है सपने को पूरा करने की। दिव्य प्रकाश दुबे ने इस उपन्यास मे बड़े सहजता से जीवन के मूल्यों को रचनात्मकता के साथ उकेरा है, जो सोचने के लिए मजबूर कर देता हैं। यदि आपको भी प्यार, दोस्ती, और खुद को जानने की यात्रा मे जाना चाहते हो, तो अक्टूबर जंक्शन जरूर पढ़े।
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