Rich Dad Poor Dad (रिच डैड पुअर डैड, auther robert kiyosaki) रॉबर्ट कियोसाकी की एक वित्तीय प्रबंधन की किताब है। यह किताब पहली बार 1997 प्रकाशित हुई थी, तब से लेकर अब तक यह सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों मे गिनी जाती है। रिच डैड पुअर डैड की अभी तक पूरी दुनियाँ भर मे 4 करोड़ से भी ज्यादा प्रतियाँ बिक चुकी हैं। rich dad-poor dad किताब वित्तीय प्रबंधन और आर्थिक स्वतंत्रता की बात करती हैं।
परिचय- रिच डैड-पुअर डैड
लेखक | रॉबर्ट कियोसाकी |
प्रकाशन | 1997 |
विषय | सेल्फ फाइनेंस, मनी मैनेजमेंट |
प्रकाशक | मंजुल पब्लिशिंग हाउस |
rich dad poor dad pages पेज | 320 |
Rich Dad Poor Dad Stories
rich dad-poor dad10 भागों मे विभाजित है, और इसके हर भाग वित्तीय समझ के बारे मे अलग-अलग तरीकों से समझाती है। रिच डैड पुअर डैड पुस्तक के दो मुख्य किरदार है, पहला रिच डैड जो लेखक के बेस्ट फ्रेंड के पिता है और वह एक सफल निवेशक और बिजनेसमेन है। दूसरा पुअर डैड जो लेखक के खुद के पिता है, वह पढ़ा लिखा हैं, लेकिन हमेशा पैसों के लियें संघर्ष करते रहते है।
इस पुस्तक मे लेखक रॉबर्ट कियोसाकी अपने दोनों पिता रिच डैड और पुअर डैड से सीखे हुए चीजों के बारे मे व्यवहारिक तरीके से बताते है की कैसे आर्थिक रूप से समृद्ध बना जा सकता हैं। इस पुस्तक मे लेखक मुख्य रूप से वित्तीय साक्षरता, असेट्स और लाइअबिलिटीज़ और पेशीव इंकम के बारे बात करते हैं।
rich dad-poor dad पुस्तक का एक महत्वपूर्ण विषय, वित्तीय साक्षरता के महत्व के बारे मे हैं। लेखक कहते है की लोग पैसों के लिए हमेशा संघर्ष इसलिए करते है क्योंकि उनके पास वित्तीय साक्षरता की कमी हैं। रॉबर्ट कियोसाकी अपने पाठकों को वित्तीय साक्षरता के लिए प्रोत्साहित करते है।
रिच डैड-पुअर डैड पुस्तक की एक महत्वपूर्ण विषय है, असेट्स और लाइअबिलिटीज़ के बारे मे है। लेखक अनुसार असेट्स हो होते है, जो आपके धन को बढ़ाए और समय के साथ उसकी कीमत बढ़े। वही लाइअबिलिटीज़ के बारे मे कहते की यह आपकी संपत्ति कम करती है और समय के साथ इसकी कीमत घटती हैं। लेखक पाठकों को असेट्स को बढ़ाने और लाइअबिलिटीज़ को कम करने के लियें प्रोत्साहित करते हैं, यही धन बनाने की एक कुंजी हैं।

लेखक रॉबर्ट कियोसाकी इस पुस्तक मे एक और मुख्य विषय के बारे बात करते है, वह है पेशीव इंकम। पेशीव इंकम वह इंकम होती है जिसमे बिना काम किए पैसा आता रहता हैं। लेखक कहते कहते है यदि आपको वित्तीय स्वतंत्रता पाना है तो आपके पास पेशीव इंकम होनी चाहिए। लेखक पाठकों को पेशीव इंकम के लिए बिजनेस और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
कुल मिलकर यह रिच डैड-पुअर डैड (rich dad-poor dad) पाठकों को साथ लेकर चलती हैं। इस किताब मे बहुत व्यावहारिक तरीके से चीजों को समझाया गया है, जिसके वजह से पाठक अपने आप को इस पुस्तक साथ जोड़ पाते हैं। इस पुस्तक मे जीतने भी उदाहरण और कहानी बताई गई है सभी व्यावहारिक और सही लगते जिससे पुस्तक पढ़ने मे ईंटरेस्ट बना रहता हैं।
रिच डैड-पुअर डैड पुस्तक की प्रमुख सिख

- वित्तीय शिक्षा जरूरी हैं- रॉबर्ट कियोसाकी के अनुसार आर्थिक स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए आर्थिक शिक्षा बहुत जरूरी है।
- देनदारी और संपत्ति – लेखक के अनुसार लोगों को देनदारियों से बचना चाहिए और संपत्ति बनाने पर ध्यान देना चाहिए। रिच डैड-पुअर डैड के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी के अनुसार अमीर लोग संपत्ति बनाते है और गरी देनदारियों मे फसते हैं।
- नौकरी पर निर्भर न रहे- लेखक रॉबर्ट कियोसाकी कहते है नौकरी के पीछे नहीं भागना चाहिए बल्कि खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहिए।
- रिस्क ले – रिच डैड-पुअर डैड लेखक कहते है की आर्थिक उन्नति के लिए समझदारी पूर्वक जोखिम लेना चाहिए।
- पैसों के लिए काम न करे- रिच डैड-पुअर डैड केलेखक कहते है की पैसों के लिए काम न करे बल्कि पैसों को पैसों के लिए काम पर लगाए।
निष्कर्ष
यदि आप पैसा कमाना और अपनी आर्थिक साक्षरता को बढ़ाना चाहते है, तो रिच डैड- पुअर डैड आपको बिल्कुल पढ़नी चाहिए। इस पुस्तक की मदद से आप अपनी financial goal को जरूर पा सकते है। यदि आप अपनी financial journey शुरू करना चाहते है, और पैसा कमाना चाहते हो तो रिच डैड-पुअर डैड आपको आर्थिक स्वतंत्रता (financial freedom) के लक्ष्य तक जरूर पहुचाएगी।
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