विंग्स ऑफ फायर- पुस्तक समीक्षा । Wings Of Fire Book Review

wings of fire भारत के पूर्व राष्ट्रपति व महान वैज्ञानिक ए पी जे अब्दुल कलाम की आत्मकथा हैं, जिसे अरुण तिवारी के सहयोग से लिखा गया हैं। यह किताब भारत की सामरिक, आध्यात्मिक व वैज्ञानिक विकास की एक प्रतिबिंब के रूप में देख सकते हैं। wings of fire ए पी जे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति बनने से पहले के उनके जीवन के बारे में बताती हैं।

ए पी जे अब्दुल कलाम राजनीतिज्ञ और वैज्ञानिक होने साथ एक शिक्षक और दार्शनिक भी थे। wings of fire ए पी जे अब्दुल कलाम के प्रारम्भिक जीवन से लेकर रॉकेट वैज्ञानिक बनने और उनके जीवन में किए संघर्ष और मिसाइल मैन बनने की कहानी को विस्तार से चित्रण करता हैं।

विंग्स ऑफ फायर बुक समरी

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लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता एक नांव चालक थे। बचपन में कलाम न्यूज पेपर बांटने का काम करते थे। आगे चलकर उन्होंने अपनी लगन, कठिन परिश्रम, अनुशासन और ईमानदारी से ऊंचे मुकाम पर पहुचे और हर भारतीयों के लिए आदर्श बन गए।

wings of fire में डॉ कलाम ने अपनी उन्ही संघर्ष और परिश्रम के बारे बताते हैं जिनकी बदौलत कोई भी इंसान बड़ी-से-बड़ी लक्ष्य को पा सकता हैं। इस पुस्तक मे उनके इसरो और डीआरडीओ मे किए काम और उस दौरान कौन-कौन से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा इसे विस्तार से बताया गया हैं। टेक्निकल और साइंटिफिक टर्म का प्रयोग पढ़ते समय आम पाठकों को थोड़ा उबाऊँ हो सकता हैं।

wings of fire में शिक्षा और गुरु के महत्व के बारे विशेष रूप से बल देता हैं। कलाम अपने सफलता के लिए अपने शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान मानते हैं। खासतौर पर अपने इंजीनीयरिंग के समय के प्रोफेसर शिवसुब्रह्मण्यम अय्यर और इंजीनीयरिंग कॉलेज के प्रो. सुलैमान को उनके जीवन को नई दिशा देने के लिए आभार मानते हैं।

wings of fire में डॉ कलाम कहते है की जीवन मे सफल होने और आगे बढ़ने लिए एक गुरु की आवश्यकता होती जो आपको सही दिशा और सही रास्ता के चुनाव में मदद करते हैं। जिनकी मार्गदर्शन से बड़े लक्ष्य को पा सकते हैं। कलाम कहते हैं रामेश्वरम जहा उनकी पैदाईस हुई थी वहाँ अधिकतर मुस्लिम परिवार रहते थे फिर भी वहा सांप्रदायिक भाव नहीं था बल्कि सौहाद्र से रहते थे।

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इस पुस्तक में उनके वैज्ञानिक सफर के बारे विस्तार से बताया गया हैं। जहां रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO0 और अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में किए गए कार्यों के बारे मे बताया गया हैं। उन्होंने भारत के प्रथम स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रम की स्थापना किया और पृथ्वी और अग्नि मिसाइल को विकसित किया।

कलाम के भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में योगदान के लिए हमेशा याद किए जाते हैं। विशेष रूप से संसाधनों के कमी के बावजूद उन्होंने उन्नत तकनीक के प्रयोग पर बल देते थे। उनका सपना था की भारत को अंतरिक्ष की दुनिया मे आत्मनिर्भर बनाना।

wings of fire में डॉ कलाम लिखते है की “धर्म एक व्यक्तिगत बात है लेकिन उसका मूल उद्देश्य मानवता का सेवा करना होना चाहिए।” डॉ कलाम एक वैज्ञानिक थे लेकिन अध्यात्म की ओर भी उनका झुकाव था। उन्होंने गीता पढ़ी थी और विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। डॉ कलाम ने विज्ञान और अध्यात्म के बीच संतुलन बनाए रखा और किसी भी धर्म के बीच भेदभाव नहीं रखा यही चीज उन्हें सच्चा भारतीय बनाता हैं।

स्कूल के समय का किस्सा

wings of fire में डॉ कलाम बताते है वह स्कूल मे सबसे आगे की पंक्ति पर बैठा करता था। वे एक टोपी पहनते थे जो मुस्लिम समुदाय के लोग पहनते हैं। उसके बगल मे रामानंद शास्त्री बैठता था जो जनेऊ पहनता था। स्कूल में पढ़ाने आए नए टीचर को एक हिन्दू पुजारी के लड़के का मुस्लिम लड़के के बगल में बैठना उचित नहीं लगा और उस टीचर ने कलाम को पीछे बैठा दिया।

इस घटना के बारे मे दोनों ने अपने-अपने घरों मे बताया। जिसके बाद लक्ष्मण शास्त्री ने उस टीचर को बुलाया और दोनोंके सामने मे कहा की स्कूल के मासूम बच्चों के मन में ऐसी सांप्रदायिक भावना क्यों डाल रहे हो। लक्ष्मण शास्त्री नेमाफी मांगने कहा या फिर स्कूल छोड़ने । अंत मे उस टीचर ने माफी मांग ली।

शिवानंद स्वामी का डॉ कलाम पर असर

wings of fire में डॉ कलाम बताते है ही वे ऐरफोर्स पायलट बनना चाहते थे लेकिन बार-बार इंटरव्यू में असफल हो जाते थे। तभी उसकी मुलाकात शिवानंद स्वामी से हुई जहा स्वामी ने कलाम को जो कहा उस सभी को याद रखना चाहिए। स्वामी ने कलाम से कहा ”किस्मत में जो मिले उसे स्वीकार करो और आगे बढ़ो। तुम ऐरफोर्स पायलट बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन पाए इसके लिए पछतावा मत कारों। तुम एक महान उद्देश्य के लिए बने हो। असफलता को भूल जाओ, लक्ष्य ढूंढो और वो काम करो जिससे सच्ची खुशी मिलती हो।”

इसरो व डीआरडीओ के कुछ प्रमुख शख्सियत
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विंग्स ऑफ फायर के जरिए हम इंडियन स्पेस एजेंसी मे काम करने वाले ऐसे लोग एवं उनके योगदान के बारे मे जानेंगे जिन्होंने इंडियन स्पेस एजेंसी को आगे बढ़ाया। इनमे प्रमुख थे विक्रम साराभाई और डॉ ब्रह्मप्रकाश जिन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को आगे बढ़ाया।

इस पुस्तक में कई इमेज भी लगाया गया है जो पढ़ते समय उस समय व घटनाओं को जीवंत कर देता हैं।

निष्कर्ष

wings of fire एक प्रेरणादायक किताब है जिसे पढ़कर आप अपने जीवन को एक सही दिशा और सही रास्ता दे सकते है। ए पी जे अब्दुल कलाम की संघर्ष, परिश्रम और ईमानदारी से तय की गई यात्रा पेपर बाटने वाले से लेकर भारत के मिसाइल मैन बनने और बाद मे राष्ट्रपति बनने कहानी हर भारतीय को गौरवान्वित करती हैं। यदि आप भी डॉ कलाम के आदर्शों को मानने और उनके जीवन से प्रेरणा लेना चाहते है तो wings of fire अवश्य पढ़ें।

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